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Study notes on the Supreme Court of India in Hindi

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परिचय (Introduction)

भारत के सर्वोच्च न्यायलय का स्थापना 28 जनवरी 1950 को किया गया।  शुरूआती  समय में सर्वोच्च (उच्तम ) न्यायलय संसद भवन में था।  1958 ई. में सर्वोच्च न्यायलय अपने मौजूदा बिल्डिंग में चला गया।  सर्वोच्च न्यायलय में एक मुख्य  न्यायाधीश और 30 अन्य न्यायाधीश हैं।  उच्तम (सर्वोच्च ) न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है।  सर्वोच्च न्यायलय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति मुख्या न्यायाधीश के सलाह पर करते है.  

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की योग्यता 

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने के लिए निम्लिखित योग्यता होना जरुरी होता है :-
1. उमीदवार को  भारत का नागरिक होना चाहिए तथा
२. वह 05 साल तक किसी भी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश रहा हो या कम से कम  10 साल तक उच्च न्यायलय का वकील रहा हो।

नियुक्ति प्रक्रिया 

सन  1993 तक सर्वोच्च न्यायालय  के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश के अनुशंसा पर किया जाता था , परन्तु सर्वोच्च न्यायालय ने 1993 में एक निर्णय दिया।  यह निर्णय S.C Advocates on Record Association Vs Union of India के केस में आया।  इसमें ये कहा गया की भारत के राष्ट्रपति उच्च और सर्वोच्च न्यायालय  के न्यायाधीशों के नियुक्ति करते समय सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के अनुशंसा  मानने  को बाध्य होंगे , तब से सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश  अध्यक्षता में पांच वरिष्ट न्यायाधीशों की एक समिति बनती है जो  न्यायाधीशों के  नामों की  सिफारिश करती है।  इसके बाद चयनित नामों  को कानून मंत्रालय को   भेजा जाता है।  विधि मंत्रालय सभी  नामों पर गहन छानबीन और विचार विमर्श करती है , इसके बाद प्रधान मंत्री कार्यालय और राष्ट्रपति को भेजा जाता है।  अंततः राष्ट्रपति को अंतिम फैसला करना होता है।  राष्ट्रपति प्रस्तावित नामों को अपनी स्वीकृति भी दे सकता है या पुनर्विचार के लिए लौटा भी सकता है लेकिन दूसरी बार सुझाये गए नामों को राष्ट्रपति अपनी स्वीकृति देने के लिए बाध्य होता है।

 कार्यकाल 
सर्वोच्च न्यायालय  के मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीशों का कार्यकाल 65 वर्ष की आयु तक होता है।  मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीश अपना त्याग पत्र राष्ट्रपति को सौंपते हैं। इसके पूर्व यदि राष्ट्रपति चाहे तो उन्हें महाभियोग के द्वारा हटा सकता है।  यह महाभियोग संसद के द्वारा लाया जाता है , महाभियोग पास हो जाने के बाद सम्बंधित न्यायाधीश को हटाया जाता है।  अब तक सुप्रीम कार्ट के किसी भी न्यायाधीश को महाभियोग  के द्वारा हटाया नही गया है। पहली बार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश रामास्वामी के विरुद्ध सन  1989 में महाभियोग का प्रस्ताव संसद द्वारा लाया गया परन्तु पास नही हो सका।  किसी भी महाभियोग को पास होने के लिएदोनों  सदानों  का दो तिहाई बहुमत होना जरुरी है।

वेतन 
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का वर्तमान वेतन यानि छठा पे कमीशन के अनुसार  एक लाख रूपए और अन्य भत्ते है तथा अन्य न्यायाधीशों का वेतन 90,000 रूपए और भत्ता  है। उच्तम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के मुख्य अथवा अन्य न्यायाधीशों का वेतन संविधान के दूसरे अनुसूची के भाग" डी" से दिया जाता है।  सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों का वेतन भारत के संचित निधि से दिया जाता है। संविधान लागु होने के बाद सन १९५० में सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश का वेतन 5000 रूपए तथा अन्य न्यायाधीश का वेतन 4000 रूपए था

कुछ अन्य जानकारियाँ 
सर्वोच्च न्यायालय एक तरह से अभिलेख न्यायालय है अर्थात इसके द्वारा दिए गए निर्णयों का हवाला दूसरे समान मुक़दमे में दिया जा सकता है।  सर्वोच्च न्यायालय राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के बीच का विवाद भी निपटाता है। सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय के लिए ad-hoc Judge की नियुक्ति राष्ट्रपति की सहमति से कर सकता है।  सर्वोच्च न्यायालय में ad-hoc judge नही होता है।  सर्वोच्च न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत दो या अधिक राज्यों के बीच के झगडे को सुलझा सकता है।  मौलिक अधिकारों से जुड़े हुए विवाद को सर्वोच्च न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 32 के द्वारा निपटा सकता है।  संविधान के अनुच्छेद 32 , 133 और 134 के अनुसार किसी भी मुक़दमे के फैसले के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है इसलिए सर्वोच्च न्यायालय को अपीलीय न्यायालय भी कहा जाता है।  जनहित याचिका को केवल उच्च तथा उच्तम न्यायलय में दायर किया जाता है। जनहित याचिका संविधान के अनुच्छेद 32 के द्वारा दायर किया जाता है।  वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश T.S. Thakur हैं (03 दिसंबर 2015 से ). इसके पहले एच एल दत्तू थे।

सारांश (Summary) 


  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय का स्थापन 28 जनवरी 1950 को हुआ था 
  • सर्वोच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायधीश तथा 30 अन्य न्यायाधीश होते हैं। 
  • सर्वोच्च न्यायालय अपने मौजूदा बिल्डिंग में 1958 में शिफ्ट हुआ इससे पहले यह संसद भवन में चलता था 
  • सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है 
  • सर्वोच्च न्यायालय के मुख्या न्यायधीश और अन्य न्यायाधीशों का कार्यकाल 65 वर्ष की आयु तक होती है 
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को महाभियोग के द्वारा हटाया जा सकता है 
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पर महाभियोग संसद द्वारा लाया जाता है 
  • किसी भी महाभियोग को पारित होने के लिए संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से पास होना जरुरी है 
  • भारत में पहली बार सन 1989 में सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश रामास्वामी पर महाभियोग प्रस्ताव लाया गया परन्तु यह पास नही हुआ 
  • सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का वर्तमान वेतन एक लाख रूपए है (छठा पे कमीशन के अनुसार 
  • सर्वोच्च अथवा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन संविधान के दूसरी अनुसूची के खंड "डी " के द्वारा दिया जाता है 
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन भारत के संचित निधि से दिया जाता है 
  • संविधान लागु होने के समय सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश का वेतन पांच हज़ार था 
  • सर्वोच्च न्यायालय को अभिलेख न्यायालय भी कहा जाता है 
  • सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिया गए फैसले का हवाला उसी प्रकार के अन्य मुक़दमे में दिया जा सकता है 
  • सर्वोच्च न्यायालय अपने ही दिए हुए फैसले को पुर्विचार करके बदल भी सकता है 
  • सर्वोच्च न्यायालय राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के बीच के विवाद भी निपटाता है 
  • सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय में Ad-hoc Judge की नियिक्ति कर सकता है 
  • संविधान के अनुच्छेद 32 , 133 और 134 के तहत किसी भी मामले के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है 
  • जनहित याचिका केवल उच्च तथा उच्तम न्यायालय में दायर किया जा सकता है 
  • जनहित याचिका संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर किया जाता है 
  • वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर हैं (दिसंबर 2015 से )




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